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मार्च, २०१७ पासूनच्या पोेस्ट दाखवत आहे
आगमवाद :शैवाचार्य श्रीधरजी के साथ संभाषण  शैवाचार्य स्वामी दयेंद्र विजयी भव ! असा नाद घुमला आणि मी चकित झालो हे इथेही सुरु झाले तर ! प्रश्नोत्तरे सुरु झाली . हिंदी पट्टा असल्याने प्रश्न हिंदीतून यायला लागले म्हणून मीही हिंदीतून उत्तरे द्यायला सुरवात केली . सुरवात एका तरुणाने केली  प्रश्नकर्ता : आचार्य , आगम का अर्थ क्या हैं ? शैवाचार्य  : आगम शिवजीने सात या दस हजार साल पहले शुरु कि हुई एक ऐसी नदी हैं जो भारतके गांवंगांवमें आजभी बह रही हैं।  जहाँ जीव हैं वहां शिवकी सम्भावना हैं !आगम जीव की शिव बननेकी साधना हैं । हर जीव खास करके मानव जीव अपने अंदर शिव बननेकी सम्भावना लेके पैदा होता हैं।  अब ये संभावना फुलफील कैसे हो ? तो भगवान शिवजीने हमें उपाय दिए हैं।  इन उपायोंके विवरणको आगम कहाँ जाता हैं। प्रश्नकर्ता :मगर शिवजी खुद भगवान थे  ... शैवाचार्य : शिव भगवान्  थे और शायद दुनियाके पहले भगवान् थे जिसके कारण उनको आदिभगवानभी कहाँ जाता हैं क्योंकि   उन्होंने भगवत्ता पायी ! भगवान् का मतलब ईश्वर नहीं होता । भगवान् का मतलब वो इन्सान जिसने भगवत्ता पायी । मगर पंडितोंने उनके नामपे धर्मका धंद